यूं बदले बदले से लगते हैं इन सबके बोल,
कदम कदम पर करते रहते हरदम गड़बड़ झोल,
अन्नदाता की मेहनत को क्यूं करते पानी पानी,
पप्पू पार्टी की नीयत को पड़ती है मुँह की खानी,
बेईमानी और बदनसीबी के पीटते रहते ढोल,
अब किसान सबक सिखाएंगे इनको और खुलेंगे इनके पोल...
3 टिप्पणियाँ
Bhaiyaji gajab
जवाब देंहटाएंwaah..💯💯
जवाब देंहटाएंsubhan allah ,kya baat kahi hai
जवाब देंहटाएंIf you have any new shayari ,then please share on contact form.
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